Sunday 9 May 2010

Happy Mother's day....

ऊँगलियाँ पकड़ कर उसकी...चलना सीखा हमने,
हर चाल में उसकी संतुलन बेशुमार है.

सुन-सुन कर उसको...बोलना सीखा हमने,
हर आवाज़ में उसकी जादू बेक़ाबू है.

इज्ज़त बड़ों की करना...उससे सीखा हमने,
आदत में उसकी तहज़ीब की बेकरारी है.

रिश्तों की पक्की डोर को...उससे समझा हमने,
बन्धनों में उसके इक अनमोल सच्चाई है.

ज़िन्दगी की इस अजब धारा को भी...उसकी नज़रों से ही देखा हमने ,
क़दमों में ही उसके ज़िन्दगी हमारी सारी है....

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